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  • Writer's pictureKishori Raman

आओ रचे नया इतिहास

Updated: Aug 16, 2021


अनिश्चितताओ के दौर तो आते है

पर हमे इनसे घबराना नही है ।

परिवर्तन तो जीवन की सच्चाई है

हमे इनसे भय खाना नही है।


नियति का चक्र तो यूँ ही चलता है

समय के साथ सब कुछ बदलता है।

सूखे पंखुड़ी झरते हैं जब फूलो से

टहनियों से नया शतदल निकलता है।

जीतने के लिए कुछ तो करना होगा।

कुछ पाने के लिए कुछ खोना होगा

आने वाला कल का सूरज हमारा होगा

पर पहले अपने आप को बदलना होगा।

आओ हम थामे एक दूसरे का हाथ

आओ हम चले समय के साथ

जीत उसी की जिसमे जितने का दम हो

आओ रचे हम एक नया इतिहास ।


- किशोरी रमण

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