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मेरी रचनाएँ
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Kishori Raman
Sep 15, 20221 min read
कविता " हार मान लूँ ?"
सवाल है कि क्या मैं हार मान लूँ अब जाना है यहाँ से यह जान लूँ ये उम्र तो बीत गयी उन्हें मनाने में क्याअंत समय मे उनसे रार ठान लूँ ...
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Kishori Raman
Sep 13, 20221 min read
कविता " हर दिन हिन्दी दिवस मनायें
राजभाषा हिन्दी हमारे देश की शक्ति है यह भारतीयों की सजह अभिब्यक्ति है हिन्दी भाषा तो हम सब की पहचान है हमारे देश की आन बान और शान है ...
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Kishori Raman
Sep 11, 20223 min read
"हिन्दी दिवस"का नाटक क्यो ?
हर साल सितंबर माह के 14 तारीख को हम "हिन्दी- दिवस" के रूप में मनाते है। इसी दिन सन 1949 को संबिधान सभा मे एक मत से हिन्दी को राजभाषा...
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Kishori Raman
Sep 9, 202212 min read
" एक लगोंट सात भाई .."
आखिर जिसका डर था वही हो गया। मुखी जी ने बताया कि कैश टैली नहीं कर रहा है। डिफरेंस है। यह सुनकर तो सबके होश उड़ गए और हम सबने अपना माथा...
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Kishori Raman
Sep 7, 20221 min read
कविता " आओ थामे अपना तिरंगा "
गाकर राष्ट्रगान हमने,कर्तब्यों की इतिश्री समझ ली है पहनकर वस्त्र खादी का देशभक्त की छवि गढ़ ली है क्या इतना ही काफी है देश को राष्ट्र...
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Kishori Raman
Aug 26, 20224 min read
" आज़ादी का अमृत-महोत्सव "
अभी हम अपनी आजादी का अमृत-महोत्सव मना रहे हैं।हमारी आजादी के पचहत्तर साल हो चुके हैं। आज स्वाभाविक ही है कि हम इन 75 सालों का लेखा-जोखा...
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Kishori Raman
Aug 24, 20221 min read
कविता "सच्चाई नही होती"
पता नही कब कौन चुपके से यहाँ आएगा और सबको अल- विदा कह जाएगा सब्र करना ,उसका साथ यहीं तक का था अब लौट कर वह वापस नही आएगा किसी ...
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Kishori Raman
Aug 20, 20221 min read
" सवाल पूछता है ? "
वो खुले आकाश के नीचे, फुटपाथ पर सोता है कभी देश के हालात तो कभी खुद पे रोता है आज भय भूख और भ्रष्टाचार से बेहाल आदमी उसके हिस्से का...
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Kishori Raman
Aug 18, 20222 min read
मेरे ब्लॉग की पहली वर्षगांठ
आज मेरे ब्लॉगिंग के 1 साल पूरे हो रहे हैं। इस उपलक्ष्य में मैं अपने सभी पाठकों और मित्रों का आभार व्यक्त करता हूँ जिन्होंने मेरी रचनाओं...
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Kishori Raman
Aug 15, 20221 min read
कविता " ज़िन्दगी और मौत "
ज़िन्दगी और मौत एक सिक्के के दो पहलू हैं दोनों ही इस सृष्टि की खूबसूरत ऋचाएँ है ज़िन्दगी बीत गयी इस पहेली को सुलझाने में पर आज तक भी...
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Kishori Raman
Aug 14, 20221 min read
कविता "कभी नही झुकने देंगें"
आजादी का जश्न आज मिल जुल कर मनाएँगे सबसे प्यारा देश हमारा हर घर झंडा फहरायेंगे राष्ट्र निर्माण के कार्य जो आज भी अधूरे हैं मिल जुल...
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Kishori Raman
Aug 12, 20222 min read
कविता " रक्षा-बंधन "
आज "रक्षा-बंधन" है, भाई-बहन के पवित्र प्यार का त्यौहार। इस अवसर पर आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। भारतवर्ष को पर्व और त्योहारों का देश...
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Kishori Raman
Aug 11, 20223 min read
शहीदों के मजारों पर....
पटना में बिहार विधान मंडल भवन के सामने आपने एक स्मारक देखी होगी जिसमें सात मूर्तियां है और आगे वाले मूर्ति के हाथ मे तिरंगा है। यह उन सात...
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Kishori Raman
Aug 10, 20222 min read
" अगर औरतें नही होती.."
विश्व के महान यूनानी दार्शनिक अरस्तू यथार्थवादी, ब्यवहारिक तथा वास्तविकता से युक्त एक वैज्ञानिक सोंच वाले ब्यक्ति थे। वे प्लेटो के शिष्य...
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Kishori Raman
Aug 9, 20225 min read
लघुकथा - " हाय रे किस्मत "
जैसे ही मैं अपने ऑफिस पहुँचा, मेरे फ़ोन की घंटी बज उठी। देखा तो राजन का कॉल था। सोंचा, बात कर लूँ लेकिन फिर कुछ सोंच कर अपना ईरादा बदल...
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Kishori Raman
Aug 6, 20221 min read
कविता "दोस्तो की ख़ैर-खबर लेते रहिये"
तुम चले गए चुपचाप हमे छोड़ गए सोता जाने के पहले यार कुछ तो कहा होता वो तेरे दोस्त ही हैं जो गम मना रहे हैं वरना कौन है यहाँ ...
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Kishori Raman
Jul 31, 20223 min read
" आईना देखते रहिए "
प्राचीन यूनान में एक महान दार्शनिक हुए है जिनका नाम था सुकरात। वे दिखने में बहुत कुरूप थे। एक दिन वह बैठे हुए अपने हाथ में आईना लिए हुए...
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Kishori Raman
Jul 29, 20221 min read
कविता " कोई नही पास होता है "
( 1 ) वो शरमाती है इसीलिए चुपके से आती है उनके जुड़े में गूँथे फूलों की खुशबू भेद खोल जाती है जो पहले चली आती है चाहे कोई दूर या पास होता...
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Kishori Raman
Jul 27, 20228 min read
कहानी " मौसा "
रात की ट्रेन से सुबह घर पहुँचा था। सोचा था, एक-दो घंटे सो लूँगा तो दिमाग फ्रेश हो जाएगा। तभी शोर सुन कर नींद खुल गई। छोटी बेटी नीता खिड़की...
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Kishori Raman
Jul 23, 20222 min read
कविता " तब और अब "
समय के साथ बदलाव तो एक स्वाभाविक प्रक्रिया है। ये बदलाव अगर प्रकृति, समाज और हमारे जीवन मूल्यों को प्रभावित करते है तो "अच्छा और बुरा" का...
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