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  • Writer's pictureKishori Raman

कविता " रक्षा-बंधन "


आज "रक्षा-बंधन" है, भाई-बहन के पवित्र प्यार का त्यौहार। इस अवसर पर आप सभी को बधाई एवं शुभकामनाएं। भारतवर्ष को पर्व और त्योहारों का देश कहा जाय तो इसमें कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। यह भी सत्य है कि इनके कारण ही हम और हमारा समाज, हमारे रिश्ते, सब एक दूसरे से जुड़े रहते हैं एवं एक दूसरे का सम्मान करते हैं। रक्षाबंधन का त्यौहार भाई-बहन का एक प्रमुख त्योहार है जिसका इंतजार हर भाई बहन को रहता है। हर भाई-बहन का मतलब हमारा पूरा समाज होता है क्योंकि हर स्त्री पुरुष किसी न किसी का भाई होता है या बहन होती है। भाई बहन एक दूसरे से कितना भी दूर चले जाएं राखी के पवित्र धागे दोनों को एक दूसरे के पास खींच लाते हैं। कभी रिश्तो में ठहराव या दूरियाँ नहीं आती। भाई बहन जब बूढ़े भी हो जाते हैं तो भी उनके बीच वही पवित्र और बचपन वाली कोमल भावनाएं होती है जो उन्हें नई समझ तथा नई ऊर्जा प्रदान करती है। वे अपने इस रिश्ते को बड़े ही धैर्य, समझदारी, अपनापन, प्यार और त्याग से निभाते हैं। तो आज "रक्षा-बंधन" है, अपनी भूली बिसरी यादों और अपने बचपन को तारो-ताजा करने का दिन, भाई बहन के निश्छल प्रेम का प्रतीक। इस रिश्ते में शंका की कोई गुँजाईश नही होती। हाँ, आज इसमें भी दिखावा बहुत हो गया है। हमे इससे बचना चाहिए। केवल सोने चाँदी लगे रेशम की डोरी बांधने से "रक्षा-बंधन" नही हो जाता बल्कि उसमें प्यार की मिठास जरूरी है। यही तो प्यार का प्रतीक है। पुनःआपसबों को रक्षा-बंधन की बधाई एवं शुभकामनाएं। इस उपलक्ष में प्रस्तुत है एक कबिता, जिसका शीर्षक है "रक्षा-बंधन"। " रक्षा- बंधन " आज "रक्षा-बंधन" है रिश्तों का अभिनंदन है भाइयों का संकल्प है प्रेम का स्पंदन है। रक्षा-बंधन का पर्व एक पवित्र त्योहार है इसमें बचपन कीयादें है और स्नेह का उपहार है। इसमें सावन की सुगन्ध है वारिश की फुहार है भाईओं की उम्मीदें हैं बहनों का प्यार है। दुनिया मे सच्चा प्यार अब भी अगर बाकी है वह बहनों द्वारा भाई को बाँधी गई राखी है। राखी के धागों में बहन का प्यार होता है बाबुल का घर अपना है ये बिश्वास होता है। किशोरी रमण


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