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  • Writer's pictureKishori Raman

कविता " रंगों में घोल दें "


आज   आई   है  होली

लिए खुशियों की झोली

देखो   रंगों   के   साथ

आई लड़को की टोली


कहीं  हरे  कहीं लाल

रंगें  हैं  सबके   गाल

कहीं छूटती पिचकारी

कहीं  उड़ते   गुलाल


है   कपड़ो   पे   रंग

छाई  दिल  मे उमंग 

भाँग  की  मस्ती  में

सब  करते  हुड़-दंग


आज  सब नाच रहे

भेद- भाव  भूल  के

चाहे  वो अनपढ़ हो

या   हो   स्कूल   के


अलग कोई साज नहीं

दिल मे कोई राज नही

अपनो  के  बीच आज

नफरत कीआवाज नही


आओ आज हम सब

बैर   भाव   छोड़  दें

बीती कड़वाहट को

रंगों    में   घोल   दें


किशोरी रमण



आप सबको  H A P P Y   H O LI

BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE

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