Kishori Raman
कविता "गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ?"

बापू तेरी प्यार की भाषा सत्य अहिंसाकी परिभाषा समझ नहीं हम पाते है बस झूठा स्वांग रचाते है चारो ओर मची है धूम गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ? न्याय -तंत्र बना है बहरा सूरज की किरणों पे पहरा मन्दिर में भगवान बना के फूल पत्ती तुम्हे चढ़ा के तेरे चरण रहे सब चूम गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ? बात बात पे दंगे होते जाति धर्म के पंगे होते चारो तरफ बर्वादी है जयकारो में गाँधी है यहाँ लोग हक से महरूम गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ? यही हमारा राम-राज्य है मन मर्जी का साम्राज्य है चोर पहनकर तेरी खादी लाते भ्रष्टाचार की आँधी ढूँढ़ रहे शोषित मज़लूम गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ? जयंती तेरी सभी मनाते और तुझपर फूल चढ़ाते झूठ के हम आदी हैं
जो सच बोले जेहादी है सच बैठा दबा कर दुम गाँधी बाबा कहाँ हो तुम ? किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com