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मेरी रचनाएँ
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Kishori Raman
Jan 231 min read
कविता नमन करेंगे
कर्पूरी ठाकुर जी महान थे समाज वाद की जान थे फटी धोती और फटा कुर्ता वे शोषितों के सम्मान थे जन जन के वे नायक थे और वंचितों ...
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Kishori Raman
Jan 71 min read
लौट आओ
तुम चली गई हमे छोड़ ये भुला नहीं पाता हूं याद कर अपना बचपन मैं आसूँ बहाता हूं तुम्हारे आँचल के छांव में बीता था मेरा कल अब तुम्हारे...
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Kishori Raman
Jan 41 min read
शत शत नमन
आज मेरे पिता जी की पुण्य तिथि है। आज से ठीक बारह साल पहले 5 जनवरी 2013 को पिता जी का और इसके तीन दिन बाद 8 जनवरी 2013 को मेरी माता जी...
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Kishori Raman
Dec 18, 20241 min read
शरमाने लगें है
जिन्हे घुघरूओं की खनक से चिढ़ थी वे ही आज कोठे पे जाने लगे है जो सभ्यता, संस्कृति की देते थे दुहाई अब खुद ही रास लीला रचाने लगे...
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Kishori Raman
Oct 31, 20241 min read
प्रकाश पर्व दीपावली की ढेरो सारी बधाइयां।
एक दीपावली बाहर की है, एक भीतर की। बाहर की दीपावली आती और चली जाती है। हमे सर्वत्र प्रकाश बढ़ाना है। बाहर का ही नही, भीतर का भी। इस...
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Kishori Raman
Oct 26, 20241 min read
कहाँ ढूंढूगा ?
मेरे पास कल्पित परिकथा है और कुछ नही है खोने के लिए दुख तो है और ये रहेगा भी ये कारण नही है रोने के लिए जब दर्द ही मेरा...
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Kishori Raman
Oct 22, 20241 min read
न्याय नहीं मिलता
कहते हैं कि पंच तो परमेश्वर होता है उसका कोई शत्रु या मित्र नही होता उनसे हम कैसे करें न्याय की उम्मीद जिनमे न्याय करने का...
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Kishori Raman
Oct 12, 20241 min read
उम्मीद करना छोड़ दीजिए
दिन का सूरज जब ढल जायेगा उम्र का एक दिन फिसल जायेगा ये चक्र बस यूं ही चलता रहेगा हम जायेंगे तो कोई और आएगा बहुत जी ली हमने ये ...
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Kishori Raman
Oct 9, 20241 min read
बाप बेटे का रिश्ता
बेटा ज्यों ज्यों बड़ा होता है अपने पैरो पर खड़ा होता है बाप की हिदायतें खलती है बेटे की शिकायतें बढ़ती है बेटे की गलतियों पर बाप...
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Kishori Raman
Oct 4, 20241 min read
ये ज़िंदगी है क्या ?
हमने जो जिया है और जो जी रहे हैं अगर वो ज़िंदगी नही केवल एक दौड़ है तो फिर ज़िंदगी है क्या ? जिसके लिए हम सब आज भी दौड़ रहे हैं जिसने छीन...
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Kishori Raman
Oct 2, 20241 min read
मुलाकात अच्छा लगता है
हमारे आसू बेवफा होते हैं अक्सर ही बहने लगते हैं और रुसवाईयों के किस्से जमाने से कहने लगते हैं उल्फत में हमारे कदम कभी...
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Kishori Raman
Sep 26, 20241 min read
पश्चाताप करेगें ?
भीड़ का हिस्सा बन यहां तमाशा देखते है लोग किसी के साथ कुछ भी हो चुप रहते हैं लोग अन्याय और शोषण देख उन्हे चिंता नही होती उनके साथ...
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Kishori Raman
Sep 24, 20241 min read
अपनी उलझने खुद सुलझाओ
जिन्दगी के हर गम को पी जाना अच्छा है मरने की हसरत लिए जी जाना अच्छा है भले इस दौड़ से हासिल होना कुछ है नही कभी कभी यूं ही यहां...
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Kishori Raman
Sep 22, 20241 min read
जिन्दगी समझना
ज़िंदगी में कभी हार कर देखो किसी से आंखे चार कर देखो जीने का अंदाज बदल जाएगा तुम किसीसे प्यार कर के देखो जिन्दगी किताबों से नही चलती...
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Kishori Raman
Sep 14, 20241 min read
एक प्रश्न
कौन हैं वो लोग जो चाहते हैं कि हम न पढ़े जो चाहते हैं कि पुरानी रवायते न बदले जो चाहते हैं कि हम आपस में लड़े दूसरो के टुकड़ों पर पले कौन...
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Kishori Raman
Sep 2, 20241 min read
गुरुर भी टूटेगा
आज हारे है वो तो कल गुरुर भी टूटेगा पिंजड़े में बंद तोता अब जल्द ही छूटेगा अब समझ में आएगा जन आक्रोश क्या है सपनो के...
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Kishori Raman
Apr 13, 20241 min read
कविता " बाबा साहब को नमन "
बाबासाहब की जयंतीपर हम उन्हें नमन करते हैं आधुनिक भारतके निर्माता काअभिनंदन करते हैं थे वे सामाजिक क्रांति के पुरोधा और महानायक...
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Kishori Raman
Apr 11, 20241 min read
ईद मुबारक
आज ईद है, रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति पर अल्लाह की तरफ से समस्त मानव जाति को मिलने वाला इनाम का दिन। ईद का त्योहार प्रेम,करुणा व...
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Kishori Raman
Mar 25, 20241 min read
कविता " रंगों में घोल दें "
आज आई है होली लिए खुशियों की झोली देखो रंगों के साथ आई लड़को की टोली कहीं हरे कहीं लाल रंगें हैं सबके गाल कहीं छूटती...
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Kishori Raman
Feb 29, 20241 min read
" विकल्प तलाशना चाहिए "
जब सता का अहंकार लोकतंत्र से बड़ा होता है तब वह इंसानियत के खिलाफ़ खड़ा होता है जनता पाखंड में ही दुखों का निदान ढूंढती है और...
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