कविता "रो कर क्या करोगे"
चलने वाले को मंज़िल मिलेगी ही अगर उसमे चलने का जुनून होगा पर ये विश्वास भी होना चाहिए कि अगले मोड पर सुकून होगा जीवन के इस ...
कविता "रो कर क्या करोगे"
* संत कबीर *
ऋणं कृत्वा घृतं पीवेत (चार्वाक दर्शन)
" ये किसकी कहानी है। "
कविता " विश्वास करते हैं "
संस्मरण " जब डॉक्टर ने मुझपर पिस्टल तान दी "
" घोड़ा उड़ भी सकता है "
" भविष्य पर भरोसा "
"ईद, दुआऐं बटोरने और बाटने का दिन"
" तृष्णा और आवश्कता में भेद "
असली खजाना
कविता " बाबा साहब को नमन "
" राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले "
" पुनरूत्थान का पर्व ईस्टर "
लघुकथा."धन्यवाद का भाव"
" किस बात की चिन्ता ? "
कविता "एतबार नही करते"
" और वह डूब गया....."
एक कविता- दोस्तो के नाम
कविता "रंगों में घोल दें"