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# क्यों शरमाती हो ?#

Writer: Kishori RamanKishori Raman


अक्सर ही हम अपने बीते दिनों को बड़ी शिद्द्त से याद करते है। ज़िन्दगी के वो सुनहरे पल जो हमने रांची एग्रीकल्चरल कॉलेज में अपने दोस्तों के साथ गुजारे वो अक्सर ही हमें याद आते है। याद आते है रैंगिग की वो मज़ेदार घटनाएं, दोस्तो के साथ की मस्ती और हॉस्टल की बेपरवाह ज़िन्दगी। अपनी रैंगिग के दौरान मैंने कई छोटी मोटी कविताएँ लिखी या मुझसे लिखवाई गई। उन्ही में से एक कविता मुझे अपनी डायरी के पन्नो में मिली है। एक बार रैंगिग के दौरान ही एक बॉस ने एक लडक़ी का नाम बताते हुए आदेश दिया कि उसपर प्यार मोहबत से भरपूर एवं मजेदार एक कविता लिखो। मैंने एक कविता वहीं लिखी और सबको सुनाया जिसे सर्बो ने पसंद किया। आज कुछ आवश्यक संशोधनों के साथ प्रस्तुत है वही कविता जिसका शीर्षक है•••••• # क्यों शरमाती हो ?# प्यार का भुखा मैं परवाना पागल कहती मुझे जमाना हाय मेरी जां आ भी जाओ क्यो करती हो रोज बहाना तेरीअदायें कातिल जालिम ऐसे क्यो शरमाती हो आँखों मे है मौन निमंत्रण पास क्योनही आती हो जब भी हमने तुमको देखा होता मुझको प्यार का धोखा तुम पास मेरे नही आती हो बस मुझे देख मुस्काती हो अपने कातिल नयनों से इश्क का बाण चलती हो आँखों मे है मौन निमंत्रण पास क्योनही आती हो जबभी हम तुम साथ मिले हैं चारो ओर बस फूल खिले हैं प्यार को जोभी समझ न पाये आशिक नही वे दिलजले है

अपने प्यारे आशिक को क्यों इतना तड़पाती हो आँखों मे है मौन निमंत्रण पास क्योनही आती हो किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




 
 
 

4 Comments


kumarinutan4392
kumarinutan4392
Dec 30, 2021

Very nice.....

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Unknown member
Dec 20, 2021

Bahut hi Sundar kahani hai....

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sah47730
sah47730
Dec 18, 2021

वाह! शानदार कविता। कालेज के दिन याद आ गये।

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verma.vkv
verma.vkv
Dec 18, 2021

बहुत सुंदर कविता ।

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