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  • Writer's pictureKishori Raman

" भविष्य पर भरोसा "


एक राजा था। वह अपनी प्रजा को बहुत चाहता था। उसका मानना था कि उसके मंत्री और अमले राज्य के बारे में उसे अच्छी बाते ही बताएंगे, खराब की तो चर्चा ही नही करेंगे। अतः वो भेष बदलकर अपने राज्य में घुमा करता। घूमने के दौरान राजा जब एक गांव से गुजरता तो अक्सर ही वो देखता कि एक अत्यन्त ही बूढ़ा आदमी या तो छोटे छोटे पौधे लगा रहा होता या उनकी देख भाल कर रहा होता। पौधे भी कोई समान्य या फूल वाले मौसमी पौधे नही बल्कि लंबे समय तक रहने वाले और बड़े बड़े वृक्ष के रूप में विकसित होने वाले फलदार वृक्ष। राजा बूढ़े को देखकर हैरान होता था। उसके कांपते हाथों को देखकर वह सोचता कि यह बूढ़ा इन पौधों को क्यों लगा रहा है ? वह तो उन पेड़ो का सौन्दर्य या फल कभी भी नही देख पाएगा। एक दिन राजा ने उस बूढ़े से पूछ ही लिया कि आप इन वृक्षों को परिपक्व होते हुए शायद ही देख पाएंगे फिर इतनी मेहनत क्यों कर रहे हैं ? बूढ़े ने कुछ सोचते हुए कहा, यदि मेरे पूर्वजों ने बीज न बोए होते तो मैं अपने बगीचे में इतने सारे वृक्षों को न देख पाता, न उनके फलों का सेवन कर पाता। मेरे पूर्वज भी आगे आने वाली पीढ़ियों, पेड़ को देखने, उसके नीचे खड़े होने वालों के बारे में कुछ नही जानते थे पर वे तब भी उदार बने रहे। उन्होंने उन वृक्षों को बड़ा करने के लिए कड़ी मेहनत की। ये पेड़ मुझे भी हिम्मत देते हैं। मैं भले ही इनका उपभोग न कर पाऊं पर आगे आने वाली पीढ़ियां जरूर इसे देख पाएगी और इनका उपभोग भी करेगी। मैं अपने पूर्वजों के सोच को ही आगे बढ़ा रहा हूं। यदि वे अपने भविष्य पर, अज्ञात अतिथियों पर भरोसा कर सकते हैं तो मैं भला उस भोरोसे को कैसे टूटने दे सकता हूं ? किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com

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