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  • Writer's pictureKishori Raman

"सकरात्मक सोंच"


एक गाँव में दो दोस्त रहते थे। एक दिन दोनों दोस्त खेलते खेलते गाँव से दूर आ गए। दोनों खेलते खेलते थक गए थे। उनको प्यास भी लग रही थी। पास ही एक कुआँ था। आसपास में किसी के न होने पर उन्होंने खुद ही पानी निकालने के लिए कुँए में रस्सी डाला। पानी निकालने के क्रम में एक बच्चा कुँए में गिर गया। दूसरा बच्चा दौड़ा-दौड़ा वहाँ आया और रस्सी को जल्दी से कुँए में डाल दिया। कुआँ में गिरा बच्चा बहुत डर गया था। वह घबराया हुआ भी था। उसने जल्दी से बाल्टी वाली रस्सी को पकड़ लिया। उसका दोस्त जो बाहर था जैसे तैसे करके उसे कुएं से बाहर निकालने का प्रयास करने लगा। उस समय वहाँ आसपास कोई नहीं था और मदद की कोई उम्मीद नहीं थी। बालक ने जैसे तैसे प्रयास करके कुँए में गिरे लड़के को बाहर खींच लिया।अब दोनों बहुत डर गए थे कि गाँव जाएंगे तो बहुत पिटाई होगी जब हम यह बात बताएंगे कि हममे से एक कुँए में गिर गया था। लेकिन जब वे गाँव पहुँचे तो ऐसा कुछ भी नहीं हुआ जैसा कि उन्होंने सोचा था। जब उन्होंने गांव वालों को बताया कि उनका दोस्त जो दस साल का है वह कुँए में गिर गया था और जो छ साल का बच्चा है उसने उसे बचाया। उसके घर वालों ने समझा कि बच्चा मजाक कर रहा है। जो बच्चा ठीक से कुएं से पानी भी नहीं खींच सकता भला वह दस साल के बच्चे को कुएं से कैसे बाहर निकाल सकता है। उस गाँव में यह बात फैल गई पर किसी को भी विश्वास नहीं हुआ सिर्फ एक व्यक्ति को छोड़कर। जिस व्यक्ति ने इस बात पर विश्वास कर लिया वे थे महेश चाचा जो गांव के एक समझदार बुजुर्ग थे।गाँव वालों को बड़ा आश्चर्य हुआ कि उन्होंने कैसे विश्वास कर लिया ? वे तो कभी झूठ नहीं बोलते। जब वे विश्वास कर रहे हैं तो जरूरी कोई बात होगी। सभी लोग इकठ्ठे होकर उस बुजुर्ग के पास गए और कहने लगे कि हम सबों को विश्वास ही नहीं हो रहा है। अब आप बताइए कि यह कैसे हो सकता है ? पहले वे बुजुर्ग हँसे, फिर बोले - भला मैं क्या कह सकता हूँ ? लड़का तो बता ही रहा है कि उसने यह कैसे किया। सभी गाँव वाले उसकी ओर देखने लगे। तब बुजुर्ग ने फिर कहा- सवाल यह नहीं है कि वह छोटा बच्चा ये कैसे कर पाया ? सवाल है कि उसके अंदर आखिर इतनी ताकत कहाँ से आई ? इसका तो एक ही जवाब हो सकता है कि जिस समय बच्चे ने ये काम किया वहाँ दूर-दूर तक कोई भी नहीं था यह बताने के लिए कि तुम यह नहीं कर सकते हो। यही कारण है कि वह बच्चा अपने दोस्त को बचाने में सफल रहा है। गाँव वाले ये उत्तर सुनकर चुप हो गए, फिर किसी ने कोई और सवाल नहीं किया। आज हमारे आस पास बहुत से ऐसे लोग मिल जाएंगे जो खुद तो कोई काम नहीं कर सकते हैं लेकिन दूसरों को भी यही कहेंगे कि तुमसे यह काम नहीं होगा। अतः ऐसे लोगों को अनदेखा करें और अपने आप पर पूर्ण विश्वास रखें। हमेशा सकारात्मक सोंचें। अगर आपको अपने आप पर पूरा भरोसा है तो दुनिया की कोई ताकत आपको नहीं रोक सकती है। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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