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" जो चाहोगे, सो पाओगे "

  • Writer: Kishori Raman
    Kishori Raman
  • Jan 8, 2022
  • 2 min read

"

एक साधु था जो एक नदी किनारे धूनी रमा कर बैठा था। वह बीच बीच मे चिल्लाता "जो चाहोगे, सो पाओगे"। आते-जाते लोग उसे पागल समझते और उसकी बातों पर ध्यान नही देते थे। जो भी उस साधू की बात सुनता, उस पर हँसता और उसकी बातों को अनसुना कर वहाँ से आगे बढ़ जाता। एक दिन एक बेरोजगार युवक वहाँ से गुजर रहा था। उस युवक के कानों में साधु की आवाज़ सुनाई पड़ी-"जो चाहोगे, सो पाओगे "। वह युवक साधु के पास आया और बोला - बाबा, आप बहुत देर से चिल्ला रहे है, जो चाहोगे सो पाओगे। क्या आप सचमुच मुझे वो दे सकते है जो मैं पाना चाहता हूँ ? साधु बोला-हाँ बेटा, पर पहले तुम मुझे यह तो बताओ कि तुम पाना क्या चाहते हो ? वह युवक बोला, बाबा मैं चाहता हूँ कि मैं हीरो का बहुत बड़ा व्यापारी बनूँ। क्या आप मेरी ये इच्छा पूरी कर सकते हैं ? बिल्कुल बेटा, मैं तुम्हें एक हीरा और मोती देता हूँ। उससे तुम जितने हीरे- मोती चाहो बना लेना। साधु की बातों से युवक की आँखों में आशा की ज्योति चमक उठी। साधु ने युवक से दोनों हाथ आगे बढ़ाने को कहा। युवक ने अपने दोनो हाथ साधु के आगे कर दिया। अब साधु ने उसकी पहली हथेली पर अपना हाथ रख और बोला - -बेटा, यह दुनिया का सबसे अनमोल हीरा है। इसे समय कहते हैं। इसे जोर से अपनी मुट्ठी में जकड़ लो। इसके द्वारा तू जितने चाहे उतने हीरे बना सकते हो। इसे कभी अपने हाथों से निकलने मत देना। फिर साधु ने अपना दूसरा हाथ उसकी दूसरी हथेली पर रखा और कहा- बेटा, यह दुनिया का सबसे कीमती मोती है जिसे धैर्य कहते हैं। जब किसी काम में समय लगने के बाद भी तुम्हें मनचाहा परिणाम ना मिले तो इस धैर्य रूपी मोती को धारण कर लेना। यह मोती अगर तुम्हारे पास है तो तुम दुनिया में जो चाहोगे वह पा सकते हो। युवक ने ध्यान से साधु की बात को सुना। फिर उसपर थोड़ी देर मनन किया। उसे सफलता प्राप्ति के लिए गुरु मंत्र मिल चुका था। उसने निश्चय किया कि वह कभी भी समय को व्यर्थ नही बर्बाद करेगा। उसने साधु को धन्यवाद देकर वहाँ से चल दिया। उसने एक हीरे के बड़े व्यापारी के यहाँ काम करना शुरू कर दिया। कुछ दिनों तक दिल लगाकर काम सीखता रहा और एक दिन अपनी मेहनत और लगन से अपना सपना साकार करते हुए हीरो का बहुत बड़ा व्यापारी बन गया। यह कहानी हमें ये सीख देती है कि समय और धैर्य नामक हीरे मोती अपने साथ रखें। अपना समय कभी ब्यर्थ ना जाने दें और कठिन समय में धैर्य का दामन ना छोड़े। फिर तो सफलता आपको अवश्य ही प्राप्त होगी। किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




3 Comments


Unknown member
Feb 08, 2022

very nice....

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sah47730
sah47730
Jan 09, 2022

बहुत सुंदर कहानी। समय की पहचान कर कदम बढाना और धैर्य कभी नहीं खोना ये दो मूल मंत्र हैं।

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kumarinutan4392
kumarinutan4392
Jan 09, 2022

Nice .....

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