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  • Writer's pictureKishori Raman

कविता "यह कैसी आजादी है ?"

आज 26 जनवरी है और हमारा देश अपना 73 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस अवसर पर आप सबो को बधाई और शुभकामनाएं।


देश को आजाद कराने और फिर इसे गणतंत्र बनाने के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर करने वाले शहीदों, स्वतंत्रता सेनानियों, और वीर सैनिकों को शत शत नमन। आधुनिक भारत के निर्माता और संबिधान -शिल्पी बाबा साहब भीम राव अम्बेडकर जी को भी शत शत नमन। आज मौका है हमे ठहर कर सोंचने का कि इस आजादी और संविधान का लाभ समाज मे अंतिम पंक्ति में खड़े व्यक्तियों तक पहुँच पायी है या नही ? इन्ही सब प्रश्नों और विसंगतियों को रेखांकित करती है आज की मेरी कविता जिसका शीर्षक है---


"यह कैसी आजादी है ?" आजादी का जशन मनाते अपने घर को स्वर्ग बनाते बाहर तो फैला अँधियारा क्योनहीं कोई दीप जलाते न्याय तंत्र बना है बहरा सूरज की किरणों पे पहरा दुखों से घिरी आबादी है यह कैसी आजादी है ? यही हमारा रामराज्य है मनमर्जी का साम्राज्य है देश का दौलत लूटने वाले उनके सर पे सजा ताज है लोकतंत्र के जो रखवाले पैरों में है उनके छाले चोरों के तन पे खादी है यह कैसी आजादी है ? आपस मे ही दंगे होते जाति धर्म के पंगे होते पलभर में ही कुचले जाते जैसे कोई कीट पतंगें होते बापू वाली प्यार की भाषा सत्यअहिंसा की परिभाषा समझ नही अब आती है यह कैसी आजादी है ? देश भक्तों ने लहू बहाया माँ ओ ने सिंदूर लुटाया लहराया अपना ये तिरंगा तब हमने आजादी पाया करना हैअब लाख जतन आजादी अनमोल रतन रोकना हमें बर्बादी है यह कैसी आजादी है ? किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com




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