top of page
  • Writer's pictureKishori Raman

कविता " लड़ना सीखो "


दुखो से भाग कर यारों कहाँ जाओगे ज़िन्दगी के हर मोड़ पर इन्हें पाओगे जीना है तो पहले इनसे लड़ना सीखो वरना आँसुओं के सैलाब में डूब जाओगे जहाँ ग़म होता है वहीं खुशी होती है दुख और सुख की रस्सा-कसी होती है जीने वाले फिर भी जीते है यहाँ शान से भले होठों पे उधार वाली हँसी होती है यहाँ यूँ ही कोई किसी से प्यार नही करता यूँ ही कोई किसी का इंतजार नही करता समझौते पर टिके होते है हमारे सारे रिश्ते यूँही सच बोलने से कोई इन्कार नही करता हदों में रहने वाले अपनी हदे पार नही करते सह लेते हैं गमो को कभी इज़हार नही करते पर अंधेरों से लड़ने की हिम्मत है जिसमे वो कभी सुबह होने का इंतजार नही करते किशोरी रमण BE HAPPY....BE ACTIVE...BE FOCUSED...BE ALIVE If you enjoyed this post, please like , follow,share and comments. Please follow the blog on social media.link are on contact us page. www.merirachnaye.com


114 views2 comments
Post: Blog2_Post
bottom of page